हमसे मिलिए फेसबुक पर

Friday 15 July 2016

ना जाने

ना जाने क्यों रेत की तरह निकल जाते है हाथों से ‘वो लोग ‘

जिन्हें जिन्दगी समझ कर हम कभी खोना नही चाहते .

No comments:

Post a Comment