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Sunday 31 May 2015

रह रह कर

रह रह कर आपकी याद आती है,
आपके न आने की वजह सताती है,
सोच रहे हैं जरुर कोई गम है,
या आपके दिल में हमारे लिए जगह कम है!!!!!!
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दिल के एक कोने से......

दिल के एक कोने से आवाज आती है,
हमें हर पल उनकी याद आती है,
दिल पुछ्ता है हर बार हमसे,
जिन्हें हम याद करते हैं इतना,
क्या उन्हें भी कभी हमारी याद आती है??????

वो तो आँखें थी.....

वो तो आँखें थी मेरी जो सब सच बयां कर गयी ।
वरना लफ्ज होते तो कब के मुकर गए होते....!

ऐ मौत...

बहुत रुलाया है इन बेवफा लोगो ने...
ऐ मौत...अगर तुम साथ दो,
तो सबको रुलाने का इरादा है मेरा....!

Friday 8 May 2015

सलमान को जमानत

सलमान को जमानत मिलने की खुशी(??) में सड़कों पर नाचते, पटाखे फोड़ते छिछोरों को देखकर समझ में आता है कि हमारा देश कितनी गहरी गर्त में जा चुका है. नैतिकता, बौद्धिक स्तर, सामाजिक जिम्मेदारी जैसी बातें लगभग विलुप्तप्राय होती जा रही हैं...
ज़ाहिर है कि हमारी शिक्षा व्यवस्था में ही घातक गडबडियां हैं... इसीलिए ऐसा 'विकृत समाज' पैदा हो रहा है... और अब इसे ऊपर उठाने के लिए पता नहीं कितने "भगीरथ प्रयास" करने होंगे...
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बहरहाल... भ्रष्ट न्यायपालिका, सड़ांध मारती व्यवस्था और अमीरी के भौंडे प्रदर्शन से लबरेज एक बेहद "लानती दिवस" की समाप्ति... हताशा और निराशा के अलावा कुछ भी नहीं... frown emoticon

वाह रे न्यायपालिका

सलमान खान के मामले में कुछ भी लिखने का मन नहीं है , लोकतांत्रिक देश में बेगाने जैसी फीलिंग आ जाती है न्यायपालिका पर अटूट विश्वास मानो ऐसे टूटा है जैसे भूकम्प के बाद नींव में दरार आ जाए , सब कुछ ठीक नहीं है ..... दो दिन की अंतरिम जमानत मिलकर आज भी दो महीने तक जमानत मिल ही जायेगी जबकि और कोई भी होता तो इसका ठीक उल्टा होता .... हाईकोर्ट की लाईट जाना फिक्स हो सकता है तो न्याय कि उम्मीद टूट जाना लाजिमी है ....!! frown emoticon

मेरी मां...

तेरी कमी हर कदम पर है जब मायूस होता हू 
आज सब कुछ होकर भी तुझसे दूरी सताती है ....
मा वो है जिसके आशीर्वाद से काम बन जाते है 
जिसके पैरो की धूल से ज़िंदगी सवर जाती है., missing ...My mom