ऐ मौत तू कितनी हसीन क्यूँ है
जो भी तुझसे मिलता है जीना ही छोड़ देता है
मैं तुझसे कब मिल पाउँगा
वो हसीं पल कब देख पाउँगा
जब जी चाहा लोग रिश्तों को तोड़ मरोड़ लेते हैं, ज़रुरत के मुताबिक़ कश्ती का रुख मोड़ लेते हैं।
जिंदगी एक नदी की तरह है ,
ये बहती है और बहती ही चली जाती है ,
जब तक कि मौत के समन्दर में समा नहीं जाती !!
नौकरी के आर्डर में लिखा था कि कंपनी की तरफ से आपको क्वार्टर मिलेगा,
❗और हम इतने भोले थे की जोइनिंग के दिन सुबह गिलास लेकर ऑफिस पहुँच गए थे।
हम तो ये बात जान के हैरान हैं बहुत
खामोशियों में शोर के तूफ़ान हैं बहुत
बाज़ार जा के खुद का कभी दाम पूछना
तुम जैसे हर दूकान में सामान हैं बहुत
अच्छा सा कामकाज खुली आँख से चुनो
ख़्वाबों के लेन देन में नुक्सान है बहुत
आवाज़ बर्तनों की घरों में दबी रहे
बाहर जो सुनने वाके हैं शैतान हैं बहुत
खुशहाल घर को जाने नज़र किसकी लग गई
हम लोग कुछ दिनों से परेशान हैं बहुत
आवाज़ साथ है न बदन का कहीं पता
अब के सफर में रास्ते सूनसान हैं बहुत..